
✍️जय प्रकाश प्रकृति उपाध्याय के कलम से ✍️
बिलासपुर (वनांचल न्यूज़) | शिक्षक दिवस पर विशेष चर्चा में शिक्षक जय प्रकाश उपाध्याय एवं शिक्षिका प्रकृति शर्मा उपाध्याय ने बताया कि शिक्षक दिवस हर वर्ष हमें यह स्मरण कराता है कि एक शिक्षक का जीवन केवल किताबों तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह बच्चों के भविष्य की मजबूत नींव रखता है। हमारे लिए यह सफर और भी विशेष है, क्योंकि हम केवल जीवन साथी ही नहीं, बल्कि एक ही विषय के शिक्षक भी हैं।
जब एक ही विषय को दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से पढ़ाया जाता है, तो कक्षा एक प्रयोगशाला बन जाती है। यहाँ विचारों का आदान-प्रदान होता है और शिक्षण शैली को नया आयाम मिलता है। हम दोनों एक-दूसरे के अनुभवों से निरंतर सीखते रहते हैं – यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
हमारा मानना है कि एक अच्छा शिक्षक वही है, जो बच्चों के सवालों से खुद भी सीख सके। हर साल और हर बैच हमें कुछ नया सिखाता है – धैर्य, करुणा और नवीनता। अक्सर घर लौटने पर हमारी सबसे आम बातचीत होती है, “आज कक्षा में क्या हुआ?” यह पेशा हमारे लिए केवल काम नहीं, बल्कि जुनून है।
हमारे लिए शिक्षक दिवस केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं है, बल्कि वह भाव है, जो तब जीवंत हो उठता है जब कोई छात्र कहता है :- “मैम/सर, आपने हमारी सोच बदल दी।”
इस अवसर पर हम उन सभी शिक्षकों को नमन करते हैं, जो अपने ज्ञान और समर्पण से केवल किताबें ही नहीं, बल्कि ज़िंदगियाँ भी बदल रहे हैं।