
रायपुर (वनांचल न्यूज़)। राजधानी रायपुर में कोयला घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू (अपराध जांच निदेशालय) ने सौम्या चौरसिया के निज सचिव जयचंद कोसले को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए 26 सितंबर तक रिमांड पर लिया है। ईओडब्ल्यू ने रिमांड आवेदन में बताया कि जयचंद, जो निज सहायक के पद पर तैनात था, सौम्या चौरसिया का मुख्य सहयोगी था और उनके माध्यम से 50 करोड़ रुपए से अधिक की कथित वसूली की गई। रिमांड आवेदन में आरोप लगाया गया कि जयचंद कोसले ने अपनी पदस्थति का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर अवैध वसूली और कोयला घोटाले में सहायता प्रदान की। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेजों में यह भी कहा कि जयचंद का सहयोग सौम्या चौरसिया को वित्तीय लेन-देन और कोयला ब्लॉक से संबंधित अनुचित गतिविधियों में प्रदान किया गया।
00 बचाव पक्ष की दलील
वहीं, जयचंद कोसले के बचाव पक्ष ने अदालत में कहा कि उनका इस घोटाले से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जयचंद ने हमेशा बुलावे पर खुद को उपस्थित कराया और मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी या अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं था। ईओडब्ल्यू और ईडी संयुक्त रूप से सौम्या चौरसिया और उसके सहयोगियों की तलाश कर रही है। जांच एजेंसियों ने जयचंद के खिलाफ छापेमारी भी की, लेकिन इस दौरान केवल 10 हजार रुपए ही बरामद हुए। जांच के दौरान पाया गया कि जयचंद कई बार बुलावे पर स्वयं को उपस्थित कराता रहा और इस तरह जांच एजेंसियों को सही दिशा में जानकारी जुटाने में कठिनाई हुई। ईओडब्ल्यू का कहना है कि जयचंद कोसले सौम्या चौरसिया के कार्यों में केंद्रीय भूमिका निभा रहा था। जांच एजेंसियों ने बताया कि रिमांड के दौरान जयचंद से कोयला ब्लॉक आवंटन और वसूली की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
00 कानूनी प्रक्रिया और आगामी कार्रवाई
कोर्ट ने ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट और सबूतों को देखते हुए जयचंद को 26 सितंबर तक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। रिमांड के दौरान एजेंसियां जयचंद से वित्तीय लेनदेन, बैंक खातों और कोयला घोटाले से जुड़े अन्य विवरणों की जानकारी जुटाएंगी। वहीं, बचाव पक्ष ने अदालत में यह भी कहा कि रिमांड का उद्देश्य सिर्फ जांच में सहयोग बढ़ाना होना चाहिए, न कि निर्दोष व्यक्ति को लंबे समय तक हिरासत में रखना। कोर्ट ने इस दलील पर गौर करते हुए जांच एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि रिमांड के दौरान केवल आवश्यक पूछताछ ही की जाए।
00 भ्रष्टाचार और कोयला घोटाले का व्यापक प्रभाव
कोयला घोटाला छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। सौम्या चौरसिया और उसके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने कोयला ब्लॉक्स के आवंटन और बिक्री में बड़े पैमाने पर अनियमितता और अवैध वसूली की। जयचंद कोसले की गिरफ्तारी इस मामले में मुख्य सहयोगियों की जांच को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जांच एजेंसियों का कहना है कि जल्द ही अन्य सहायक और कर्मचारी जिनका नाम संदिग्धों की सूची में है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, जांच में यह देखने की कोशिश की जाएगी कि राशि के अवैध ट्रांसफर और वसूली में अन्य कौन शामिल था।