
रायपुर (वनांचल न्यूज़) | शहर में संचालित शबरी कन्या आश्रम में स्वतंत्रता दिवस के दिन जनजातीय बालिकाओं ने भाईयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांध कर रक्षा का वचन लिया। आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही 50 से अधिक बालिकाओं ने इस दौरान गीत-नृत्य आदि की मोहक प्रस्तुतियां भी दी और बहन-भाई के स्नेह के इस पर्व के महत्व को बताया। कार्यक्रम के दौरान इन्ही बालिकाओं द्वारा रचित और संपादित पुस्तक शबरी के बेर का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा छत्तीसगढ़ प्रांत में संचालित सभी आश्रमों में रहकर पढ़ने वाली बालिकाओं के लेख, कविता, ड्राइंग एवं कहानियों को संकलित किया गया है।
रक्षाबंधन एवं शबरी स्नेह सम्मेलन के इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती शकुंतला तरार मौजूद रही । रायपुर महानगर के संघचालक महेश बिड़ला कार्यक्रम के विशेष अतिथि एवं अध्यक्ष रवि गोयल वनवासी विकास समिति रायपुर महानगर उपस्थित रहे। अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की, तत्पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत श्रीफल, शॉल और स्मृति चिन्ह से किया गया।
कार्यक्रम के शुरूआत में शबरी कन्या आश्रम रायपुर का परिचय एवं वृत्त अधीक्षिका सुश्री अस्मिता द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती शकुंतला तरार ने रक्षाबंधन पर्व की महत्ता एवं परंपरा के बारे में अपने विचार रखें । मुख्य वक्ता प्रांत संगठन मंत्री रामनाथ कश्यप जी ने सबको स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रहित में अपने कर्तव्य का पालन करने की बात कही। श्री कश्यप ने कहा कि रक्षाबंधन उत्सव की प्राचीन परंपरा जो की शबरी कन्या आश्रमों में पिछले 40 वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित की जा रही है। यह पर्व भाई बहन के स्नेह का प्रतीक होने के साथ साथ आपसी सुरक्षा और विश्वास का भी प्रतीक है ।
इस पर्व पर शबरी छात्रावास की बालिकाओं ने सभी आगंतुकों को राखी बांधकर स्नेह एवं आशीष की कामना की। छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में सामूहिक गान ,पूर्वोत्तर क्षेत्र के समूह नृत्य ,देश भक्ति एकल गीत भी प्रस्तुत किए गए ।कार्यक्रम का संचालन कन्या आश्रम की बालिका संगीता त्रिपुरा ने किया । कार्यक्रम समाप्ति पर आभार प्रदर्शन वनवासी विकास समिति छग ,सह सचिव राजीव शर्मा द्वारा किया गया ।कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग ,अखिल भारतीय शिक्षण प्रमुख राधा कृष्ण एवं वनवासी कल्याण आश्रम रायपुर से श्रीमती माधवी जोशी, सुश्री ललिता मुर्मू ,श्रीमती संगीता चौबे , प्रवीण अग्रवाल, गोपाल बियानी, दिलीप दास, आरती दुबे के साथ-साथ अन्य गणमान्य प्रबुद्ध जन भी उपस्थित रहे।